चिकनगुनिया की रिकवरी में प्रभावी कुछ बेस्ट हर्बल ड्रिंक्स | Some of the Best Herbal Drinks Effective in the Recovery of Chikungunya

चिकनगुनिया भी डेंगू की तरह ही एक वायरल इन्फेक्शन है जो संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है। यह चिकनगुनिया के वायरस की वजह से होता है जिसे हम CHIKV के नाम से भी जानते हैं। चिकनगुनिया के लक्षण कुछ – कुछ डेंगू और जीका वायरस के समान ही होते हैं। चिकनगुनिया रोग के लिए अब तक को विशिष्ट उपचार या दवाई नहीं है, लेकिन हम इसके लक्षणों को कम करके ही इसे रोगमुक्त हो सकते हैं। चिकनगुनिया में भी शुरुआती लक्षण बुखार और असहनीय जोड़ों का दर्द है, इसके अलावा हेडेक (Headache), माँसपेशियों में एंठन, जोड़ों में सूजन, जी मितलाना, थकावट और रेशेस (rashes) होना भी हैं । चिकनगुनिया के लक्षण मच्छर के काटने के लगभग 3-7 दिन के बाद दिखने लगते हैं। इसलिए मच्छरों के काटने से बचें क्योंकि यह बहुत सी बीमारियों के कारण बन सकते हैं।

चिकनगुनिया रोग में प्रभावी कुछ बेस्ट हर्बल ड्रिंक्स (Some of the Best Herbal Drink Effective in Chikungunya Disease)-

1.नारियल पानी (Coconut water)
2.सिट्रस फ्रूट्स ड्रिंक्स
3.लिफी वेजीटेबल सूप (Leafy vegitable soup)
4.गिलोय रस
5.पपीते की पत्ती का रस
6.तुलसी पत्ती का रस
7.घृतकुमारी का रस (Aloe juice)

इसे भी पढ़े  ओट्स बनाने के तरीके एवं फायदे।Ways and benefits of making oats in HIndi

1. नारियल पानी (Coconut water)-

जब भी हम कभी बुखार से ग्रसित होते हैं तो हमारा शरीर डीहाइड्रेट होने लगता है जो की हमारी समस्या को और बढ़ा सकता है, इसलिए शरीर हमेशा हाइड्रेट होना चाहिए। पानी का सेवन लगातार सही मात्रा में करते रहना चाहिए। नारियल पानी में बहुत से मिनेरल्स मौजूद होते हैं जो हमारे लिए काफी फायदेमंद होते हैं लेकिन इसके साथ ही यह हमारे शरीर को डेटोक्सीफाय (detoxify)मतलब शरीर से सारी गंदगी और विषैले पदार्थों को बाहर करने के काम आता है। नारियल पानी हमारे शरीर को दिनभर हाइड्रेट रखता है और ऊर्जा भी प्रदान करता है।

2. सिट्रस फ्रूट्स ड्रिंक् –

जैसा की हम सभी जानते हैं की सिट्रस फ्रूट्स मतलब विटामिन C से भरपूर फलों या फलों के रस का सेवन हमारे लिए बहुत फायदेमंद है, क्योंकि विटामिन C एक एंटिऑक्सीडेंट है जो की हानिकारक तत्वों के प्रभाव से हमारे शरीर को बचाता है और साथ ही हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है जिससे हम कई घातक बीमारियों से बचते हैं। साथ ही हमारे शरीर के विकास और चोट, घाव या किसी बीमारी में कोशिकाओं के क्षतिग्रस्त होने पर नयी कोशिकाओं के निर्माण में भी बहुत ज्यादा प्रभावी है, इसलिए विटामिन C से भरपूर फलों का सेवन या रसों का सेवन अवश्य करना चाहिए। चिकनगुनिया के साथ-साथ अन्य कई बीमारियों में भी इन फलों के रस का
काफी प्रभावी होता हैं।

3. लिफी वेजीटेबल सूप (Leafy vegitable soup) –

हरी पत्तेदार सब्जियाँ कई पोषक तत्वों, विटामिन और मिनेरल्स से भरपूर होती है। यह हमारे शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की संतुलित रखती है और हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनती है। चिकनगुनिया में जोड़ो के दर्द को कम करने, चिकनगुनिया से और इसके लक्षणों से लड़ने में काफी सहायक है। घर में बनी ताजी सब्जियों के वेजीटेबल सुप्स (vegitable soupes) चिकनगुनिया के बुखार में काफी प्रभावी साबित होते हैं। यह पचने में भी काफी सुपाच्य है।

इसे भी पढ़े  गर्मियों में शरीर और त्वचा का ख्याल कैसे रखें | How to take care of body and skin in summer in Hindi

4. गिलोय रस –

गिलोय की पत्तियाँ एंटिओक्सीडेंट्स से भरपूर होती हैं जो की फ्री रैडिकल से हमें प्रोटेक्ट करते और हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। यह बुखार को कम करने में सहायक है और पुराने दीर्घकालिक चिकनगुनिया और डेंगू में भी प्रभावी है। यह हमारे प्लेटलेट्स काउंट को डेंगू और चिकनगुनिया जैसे बुखार में प्रभावी रूप से बढ़ाता है।

5. पपीते की पत्ती का रस –

पपीते के पत्तियों का रस का सेवन करते ही यह हमारे प्लेटलेट्स काउंट को 24 घंटे के अंदर बढ़ाने लगता है। शोधों के अनुसार यह बहुत ही ज्यादा प्रभावी रूप से प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने में सहायक है। पपीते की पत्तियों का उपयोग पानी में उबाल कर जब पानी आधा रह जाए तब हम इसे उपयोग में ला सकते हैं या फिर पपीते की पत्तियों को धोकर इसका रस निकाल कर ऐसे ही सेवन कर सकते हैं।

Important Links
Join Our WhatsApp Group Join WhatsApp

6. तुलसी पत्ती का रस –

तुलसी पत्ती के रस में एंटि-ओक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं जो फ्री रैडिकल से होने वाले नुकसान से हमें बचाते हैं इसके साथ ही शोधों के अनुसार इसमें एंटिवायरल एक्टिविटी भी मौजूद होती है जो की चिकनगुनिया, डेंगू वायरस और जिका वायरस से लड़ने में सक्षम है। इसलिए इन वायरस से संक्रमित व्यक्ति में लक्षणों के बारे में पता लगते ही इसका सेवन किया जा सकता है जो की लक्षणों के उपचार में प्रभावी साबित हो सकते हैं।

7. घृतकुमारी का रस (Aloe juice)-

घृतकुमारी या एलोवीरा के रस में एंटिफंगल, एंटिइन्फ़्लामेट्री (सुजनरोधी) और एंटिबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं और शोधों के अनुसार इसमें लार्विसाइडल गुण भी मौजूद होता है। चिकनगुनिया रोग में कई बार मरीज के शरीर पर चकत्ते (Rashes) उभर आते हैं और इस लक्षण को कम करने में घृतकुमारी का रस काफी प्रभावी है। हम इसके रस को सीधे ही चकत्ते पर लगा सकते हैं । इसका एंटिफंगल, एंटिइन्फ़्लामेट्री (सुजनरोधी) और एंटिबैक्टीरियल गुण चकत्ते में आराम प्रदान करता है।

इसे भी पढ़े  टाइप सी चयापचय में खाद्य पदार्थों का निर्धारण|Type C Chayapachay me khadya padarthon ka nirdharan

यह कुछ ऐसे हर्बल अर्क हैं जिन्हें हम डेंगू हो या चिकनगुनिया दोनों ही बुखार के लक्षणों में इनका सेवन कर सकते हैं। यह प्रभावी रूप से असरदार हैं।

अन्य पढ़े – 

डेंगू बुखार, कारण , लक्षण एवं उपचार में प्रभावित कुछ पौधों के अर्क(Plant extracts)

ग्रीन टी के फायदे एवं नुकसान

प्रोटीन, विटामिन और एंटिओक्सीडेंट्स से भरपूर भोजन और फल

Leave a Comment

Important Links
Join Our WhatsApp Group Join WhatsApp