क्या होगा अगर आपने किसी बीमारी को ठीक करने के लिए किसी दवाई का सेवन किया हो और आप किसी और बीमारी से ग्रसित हो जाएँ या दवाइयों के साथ ऐसे खाने का सेवन कर लिया जो की बीमारी को और बढ़ा दे या हमें और तकलीफ दे तो यह कैसा होगा। कई बार हमारे साथ ऐसा हो जाता है की हम किसी बीमारी से ग्रसित होते हैं तो दवाइयाँ लेते हैं लेकिन वह हमें सही प्रभाव देने की जगह हमें बुरा प्रभाव दे देता है या कई बार तो ऐसा प्रभाव दिखाता है की हमारी जान पर बन आती है । अब इसका कारण कुछ भी हो सकता है , हमारे द्वारा ली गई दवाई, दवाई लेने का समय या फिर उस दवाई का पहले कभी सेवन ना किया हो और लेने पर अपना बुरा प्रभाव दिखा दे या फिर दवाई खाते ही वो किसी प्रकार की एलर्जी उत्पन्न कर दें।
ड्रग इंटरेक्शन (Drug interaction) –
ड्रग इंटरेक्शन शरीर में होने वाली एक ऐसी रासायनिक क्रिया है जो दो या दो से ज्यादा दवाइयों के बीच या दवाइयों या खाने के बीच या दवाइयों और किसी पेय पदार्थ के बीच या फिर कई बार एक खाने के पदार्थ से दूसरे खाने के पदार्थ की क्रिया की वजह से होता है। इसमें दवाइयों का असर या तो अपेक्षा से कम होता है या तो बहुत ज्यादा या फिर कुछ ऐसे अनचाहे प्रभाव देखने को मिलते हैं जो हमने उम्मीद नहीं की होती है।
ड्रग इंटरेक्शन (Drug interaction)मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं –
1. ड्रग-ड्रग इंटरएक्सन (Drug- Drug interaction)
2.फूड- ड्रग इंटरएक्सन (Food- Drug interaction)
3.ड्रग- डिसिज इंटरएक्सन (Drug-Disease interaction)
आइए देखते हैं तीनों ही प्रकारों में क्या होता है और इसके प्रतिकूल प्रभाव क्या-क्या हो सकते हैं –
1. ड्रग-ड्रग इंटरएक्सन (Drug- Drug interaction)-
यह ड्रग-ड्रग इंटरएक्सन तब होता है जब होता है जब हमें एक से अधिक दवाइयों का सेवन करना पड़ता है और कई बार उसी समय दो दवाइयाँ एक साथ लेनी पड़ती हैं, तो कई बार या तो दवाइयाँ एक दूसरे के विपरीत अपना प्रभाव दिखाती हैं जिसे हम एंटागोनिस्म (Antagonism)के नाम से जानते हैं, या फिर दोनों दवाइयों का प्रभाव एक जैसा होता है तो वह प्रभाव को और बढ़ा देती हैं जिसे हम सिनेरिस्म (synergism) के नाम से जानते हैं , और यह तब होता है जब एक दवाई दूसरी दवाई के प्रभाव में अपना हस्तक्षेप (Interference) करने लगती है तब इसे ड्रग-ड्रग इंटरएक्सन(Drug- Drug interaction)बोला जाता है।
इसके कुछ उदाहरण हैं जैसे वरफरिन और एस्प्रिन (Warfarin and aspirin)यह दोनों दवाई अगर एक साथ ली जाए तो यह अपने एक दूसरे के प्रभाव को बढ़ा देती हैं मतलब दवाई का प्रभाव ज्यादा हो जाता है जिसे हम सिनेरिस्म (synergism)कहते हैं। वैसे ही एक अन्य उदाहरण है अगर हम वरफरिन और फेनोबार्बिटोन (Warfarin and aspirin)को एक साथ लें तो यह दोनों एक दूसरे का प्रभाव कम कर देती हैं, मतलब एक दूसरे के प्रभाव को रोकती हैं जिसे हम एंटागोनिस्म (Antagonism)के नाम से जानते हैं।
2. फूड- ड्रग इंटरएक्सन (Food- Drug interaction)-
फूड- ड्रग इंटरएक्सन (Food- Drug interaction)तब होता है जब हम किसी ऐसे भोजन का सेवन कर लेते हैं जो हमारे द्वारा ली गयी दवाई के रासायनिक तत्वों (Chemicals Constituents) को प्रभावित करता है और इसकी वजह से दवाई अपना पूरा प्रभाव नहीं दिखा पाती है और कई बार हमें और भी समस्याएँ । इसके उदाहरण हैं अगर सेलेकोक्सीब (Celecoxib) का सेवन दूध के साथ किया जाए तो यह हमारे पेट (Stomach) की स्थिति को गड़बड़ (Upset) कर देता है। इसके अलावा एस्प्रिन (Aspirin) को भी अगर दूध के साथ लिया जाए तो यह भी हमारे पेट (Stomach) की स्थिति को गड़बड़ (Upset) कर सकता है।
3.ड्रग- डिसिज इंटरएक्सन (Drug-Disease interaction)-
ड्रग- डिसिज इंटरएक्सन की समस्या तब होती जब हम पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित और उस बीमारी को ठीक करने के लिए खाई जाने वाली दवाई से ही हमारे शरीर के कुछ अंगों में दिक्कत शुरू हो जाती है या फिर हमारे पूरे शरीर में कोई अनचाहे प्रभाव दिखने लगते हैं। जैसे कोई व्यक्ति सर्दी, जुखाम से परेशान है और उसकी नाक बंद है और वह नेजल डिकोंजेस्टेंट (Nasal decongestants)ले रहा लेकिन वह पहले से रक्तचाप की बीमारी से भी ग्रसित तो ऐसे में नेजल डिकोंजेस्टेंट (Nasal decongestants)का उपयोग करने से उच्च रक्तचाप (High blood pressure)की समस्या पैदा कर सकता है । ऐसे ही अगर उच्च रक्तचाप (High blood pressure)से कोई व्यक्ति पीड़ित है और वह निकोटिन (Nicotine) का सेवन करता है तो यह व्यक्ति के हृदय गति या दर (Heart Rate) को बढ़ा देता है जिससे व्यक्ति की जान को काफी खतरा हो सकता है।
इसके अलावा हम कुछ अन्य तकलीफों से भी बहुत ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं जैसे की
1.एलर्जी (Allergy) –
कई बार हम किसी तकलीफ या बीमारी को ठीक करने के लिए दवाई लेते हैं, लेकिन दवाई हमारे शरीर में आते ही अनचाहे (Unwanted) प्रभाव (Effects) दिखने लगती है, जैसे शरीर पर लाल चकते (Red Rashes) आ जाते हैं या फिर अचानक खुजली (Itching) होने लगती है , या फिर पेट गड़बड़ हो जाता है या फिर कोई बीमारी कम होने की जगह और भयावह हो जाती है। इसमें से कोई भी चीज हो सकती है जो हमारे लिए काफी घातक सिद्ध हो सकती है।
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2.कब्ज और उल्टी (Constipation and vomiting) –
ड्रग इंटरेक्शन की वजह से कब्ज की समस्या, नौसिया और उल्टी (Constipation, Nausea and vomiting) की दिक्कत होती है।
यह सब दिक्कतें भी आम हैं।
ड्रग इंटरेक्शन के कारण (Reasons of drug interaction)-
ड्रग इंटरेक्शन का शरीर में होने के कोई भी कारण हो सकते हैं जैसे –
1.दवाई की मात्रा (Dose of drug) –
कई बार व्यक्ति दवाई की सही मात्रा नहीं ले पाता है जैसे कई लोगों को दवाइयों का ज्ञान नहीं होता है और कई बार व्यक्ति चिकित्सक से अच्छे से समझ नहीं पाते और अपने हिसाब से दवाई की मात्रा ले लेते हैं जो या तो ज्यादा हो सकती है या फिर कम और यह ड्रग इंटरेक्शन का कारण बन जाती है।
2.सही समय पर दवाई और खाना खाने का ज्ञान ना होना (Lack of knowledge of taking medicine and food at the right time) –
किसी भी दवाई को खाने के पहले खाना है या खाने के बाद में खाना है , यह ज्ञान होना बहुत आवश्यक है क्योंकि आपके द्वारा सेवन किए गए खाने से दवाई के रासयानिक तत्वों (chemical elements) पर काफी प्रभाव पड़ता है और इसका असर कम या ज्यादा दोनों हो सकता है जो व्यक्ति के स्वस्थ्य के लिए काफी घातक हो सकती है, जैसे अगर आपको मालूम नहीं हो की टेट्रासाइक्लीन (Tetracycline) जो की एक एंटिबायोटिक (Antibiotic) है , को दूध के साथ नहीं लिया जाता है क्योंकि दूध इसके प्रभाव को कम कर देता है और इसकी वजह से ठीक होने वाली बीमारी भी ठीक नहीं हो पाती है।
3.ईडीओसींक्रेसी (Idiosyncrasy) –
कई बार व्यक्ति के शरीर में कुछ ऐसे प्रोटिन्स या यूँ कह लें जींस मौजूद होते हैं जिनकी वजह से व्यक्ति को कुछ चीजों सी एलर्जी होती यह सिर्फ माना जाता है । मतलब की अभी इस प्रकार के प्रभाव की कार्य प्रणाली (Mechanism of action) का सही तरीके और कारण का पता नहीं लग पाया है।
4.मरीज द्वारा अपनी पास्ट हिस्ट्री (Past history)सही से ना बताना (Patient not telling his past history correctly)-
कई बार व्यक्ति चिकित्सक को अपनी पिछले जाँच (Treatment) के बारे में, अपनी तकलीफों के बारे में और दवाइयों के सेवन के बारे में सही जानकारी नहीं दे पाता जिसकी वजह से कई बार दूसरी दवाइयों का सेवन भी ड्रग इंटरेक्शन का कारण बन जाता है।
5.फार्मासिस्ट की भूमिका (Role of pharmacist) –
अगर चिकित्सक के द्वारा लिखी गयी दवाइयाँ कैसी लेनी है समझ ना आए तो उसमें सबसे ज्यादा सहायक फार्मासिस्ट हैं आप उनसे दवाईयों को कैसे खानी है, कितने समय लेनी है , खाने से पहले या खाने के बाद लेनी या फिर कितने बार खानी है या सब आपको एक फार्मासिस्ट अच्छे से समझा सकते हैं तो अगर आपको दवाई लेने के तरीके में कोई भी संदेह है तो फार्मासिस्ट की सलाह ले सकते हैं । कई बार व्यक्ति इसे नजर अंदाज कर जाता जिससे ड्रग इंटरेक्शन की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
यह कुछ कारण हो सकते हैं जो ड्रग इंटरेक्शन को शरीर में बढ़ावा दे सकते हैं।
जब भी दवाई का सेवन करें यह अवश्य देखें की उसकी एक्सपाइरी डेट (Expiry date)जरूर देखें, खाने का तरीका अच्छे से समझें और जो संकेत (Indications) दवाइयों पर लिखे हुए होते हैं उन्हें अवश्य पढ़ें और उनका अनुसरण (Follow) करें साथ ही दवाइयों की सही जानकारी रखें, किसी भी प्रकार के संदेह होने पर अपने चिकित्सक या फार्मासिस्ट से सलाह अवश्य लें, ओवर द काउंटर ड्रूग (Over the counter drug) जिन्हें हम ओटीसी ड्रूग भी कहते हैं के अलावा किसी भी ऐसी दवाई का सेवन ना करें जो बिना चिकित्सक के पर्ची (Prescription) के ना मिलती हो ऐसी दवाइयों का सेवन कभी भी खुद के हिसाब से ना करें।
Frequently Asked Questions
Question: ड्रग इंटरेक्शन से क्या तात्पर्य है?
Answer: ड्रग इंटरेक्शन दो या दो से अधिक दवाओं के बीच, या एक दवा और भोजन, पेय या पूरक के बीच एक प्रतिक्रिया है। इससे अप्रत्याशित या अवांछित दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
Question: ड्रग इंटरैक्शन से बचने के लिए कब तक इंतजार करना है?
Answer: दवाओं के परस्पर प्रभाव से बचने के लिए आपको कितना समय इंतजार करना होगा, यह शामिल दवाओं पर निर्भर करता है। आमतौर पर अलग-अलग दवाएं लेने के बीच कम से कम 2 घंटे इंतजार करना एक अच्छा विचार है, लेकिन कुछ मामले ऐसे भी हैं जहां आपको अधिक समय तक इंतजार करना पड़ सकता है। विशिष्ट निर्देशों के लिए अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट से पूछें।
Question: क्या जेनेरिक दवा वही काम करती है?
Answer: हाँ, जेनेरिक दवाएं बिल्कुल ब्रांडेड दवाओं की तरह ही काम करती हैं। वे ब्रांडेड दवाओं की तरह ही सुरक्षित और प्रभावी हैं। हालांकि, वे ब्रांडेड दवाओं की तुलना में बहुत सस्ती होती हैं।
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Nice article
Thanks Ritu ji