Nashe Ki Lat Hum Aur Hamara Bhavishya
नशा जैसा की इसके नाम से विदित है यदि किसी व्यक्ति को इसकी आदत हो जाती है तो वह चाहकर भी इससे दूर नहीं हो पाता। उसका नाश अर्थात पतन होना प्रारम्भ हो जाता है। नशे की लत लगने पर इंसान अपने अच्छे बुरे की पहचान भी खो देता है, इंसान कई प्रकार की बीमारियों का शिकार हो जाता है । नशे के सेवन से दिमाग की कोशिकाओं पर बहुत बुरा असर होता है। गंभीर नशे से पीड़ित व्यक्ति अपने परिवार और समाज का कोई भला नहीं कर सकता वरन वह परिवार एवं समाज के लिए एक अभिशाप बन जाता है जिसको झेलना परिवार एवं समाज की मजबूरी बन जाती है।
नशे की लत लगने के कई कारण होते हैं (There are many causes of addiction)-
कई बार जाने अनजाने इसकी लत के लिए परिवार एवं समाज भी जिम्मेदार होता है। समाज में सभी वर्गो के लोग गम एवं खुशी में इसका उपयोग करते हैं वो यह भूल जाते है की इसका दुष्परिणाम दूसरों को भी भोगना पड़ेगा। क्षणिक आनन्द के लिए इंसान अपने जीवन को विनाश की ओर धकेल रहा होता है। नशा एक ऐसी लत है जो एक बार भी उपयोग करने पर इंसान को अपनी गिरफ्त में ले लेता है। मादक द्रव्यों के सेवन से होने वाले नुकसान से कौन वाकिफ नहीं है फिर भी आज की युवा पीढ़ी जो हमारे कल का भविष्य हैं, इन बुराइयों का शिकार होती जा रही है। यह एक ऐसी बुराई है जो हमारे परिवार, समाज एवं देश से हमारी संस्कृति को बर्बाद करती चली जा रही है।
नशा एक ऐसी चीज जिसकी लत लग जाने पर हमारा मष्तिस्क उसकी मांग करता है-
यदि उस समय उसे नशा न मिले तो घबराहट, बेचैनी, चिड़चिड़ापन, गुस्सा, तनाव, मूड खराब होना यहाँ तक कि नशे को पाने के लिए इंसान हिंसा पर उतारू हो जाता है। यह नशा शराब, सिगरेट, तंबाखू, गाँजा, अफीम, चरस या अन्य मादक द्रव्यों का हो सकता है। लत का मतलब यह होता है कि जिस भी चीज की लत है, वह जब तक इंसान को न मिले तो वह पीड़ित बेचैन और असामान्य रहता है। जब वह चीज उसे मिल जाती है तो तो वह सामान्य लगने लगता है लेकिन असल में वह वह मानसिक रूप से बीमार एवं कमजोर हो जाता है। मादक द्रव्यों के सेवन के कारण इंसान अपनी समझ एवं सोचने विचारने की क्षमता खो देता है। गंभीर नशा करने के बाद वह आसपास की दुनिया से कोई मतलब नहीं रखता। वह अपनी अलग दुनिया में चला जाता है। नशा उसे विक्षिप्त सा कर देता है।
नशा एक ऐसी गंभीर बुराई है (Drugs are such a serious evil) –
जिससे नशा करने वाला शारीरिक, आर्थिक, पारिवारिक एवं सामाजिक रूप से बहुत कमजोर हो जाता है। वह अपने आपको पूरी तरह से बर्बाद कर लेता है। नशे की लत की वजह से अपना अच्छा बुरा नहीं सोच पता उसे लगता है की इससे अच्छी वस्तु दुनिया में कुछ भी नहीं है। नशा न मिलने पर वह अपने आपको एकाकी एवं उदास पाता है। नशा करने वाला व्यक्ति नशे के दुष्परिणाम के बारे में कभी नहीं सोचता जिसकी वजह से वह आपराधिक कृत्य करने में भी नहीं हिचकता जिससे परिवार, समाज एवं देश को हानि पहुँचती है। नशा एक सभ्य समाज के लिए बहुत ही घातक है, कभी भी इसे बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए और जहां तक हो सके इसे रोकने का प्रयास होना चाहिए। नशा किसी भी स्थिति में उचित नहीं है।
जब तक हम खुद नशा नहीं छोड़ना चाहेंगे तब तक हमें कोई नशा नहीं छोड़वा पाएगा
नशे से होने वाले नुकसान एवं दुष्परिणाम के बारे में हमें ही सोचना होगा इसे छोड़े बिना हम अपना एवं समाज का भला नही कर सकते यह सोचकर इसे छोड़ने का प्रयास करना होगा। नशा छोड़ने के लिए दृढ़ इक्छाशक्ति का होना आवश्यक है तभी इसे हम छोड़ पायेंगे। हमें पूरी इक्छाशक्ति के साथ धीरे धीरे नशा छोड़ने का प्रयास करना चाहिये। इसके लिए हमें नशे की समस्त चीजों से ध्यान हटाकर सिर्फ अपने अच्छे भविष्य को सोचते हुये सच्चे मन से योग, संगीत, साधना एवं ध्यान के माध्यम से अपनी बात पर टीके रहकर प्रयास करना होगा। कुछ दिनों तक आपको टीके रहने में दिक्कत आएगी, लेकिन अपने मन को मजबूत रखकर आपको टीके रहना है। कुछ समय के लिए आपको असहज एवं असामान्य महसूस होगा किन्तु इस बात को ध्यान में रखते हुये कि आपको हर हाल में नशा छोड़ना है यह प्रयास करना होगा। हम चाहें तो इसके लिए चिकित्सकीय एवं नशा निवारण संसस्थाओं से भी परामर्श ले सकते हैं। हमें सकारात्मक सोच रखते हुए नशा छोड़ने का प्रण लेना चाहिये जिससे हम अपने परिवार, समाज एवं देश को अच्छा भविष्य दें सकें। नशा छोड़ने के पश्चात आप पायेंगे कि एक सुंदर एवं सफल भविष्य आपका इंतजार कर रहा है।