नोरोवायरस क्या है, प्रसार के कारण, लक्षण एवं बचाव के उपाय ( What is Norovirus, Causes, Symptoms and Prevention)
अभी हाल में ही हमने सुना है की केरल में दो छात्र नोरोवायरस से संक्रमित पाये गए है, यह वायरस सबसे पहले अमेरिका के एक स्कूल के एक बच्चे में 1968 में देखा गया, इसे खोजा तो पहले ही जा चुका था 1936 में। अभी हमने कोरोना वायरस का नाम सुना, फिर मंकीपौक्स वायरस और अब यह नोरोवायरस। अब सोचने वाली बात यह है की आखिर ऐसे कौन से कारण हैं जिनकी वजह से हमें नए-नए वायरसों का सामना करना पड़ रहा है। चलिये देखते हैं नोरोवायरस क्या है, और इसके कारण, लक्षण और उपाय क्या- क्या हो सकते हैं।
नोरोवायरस क्या है( What is norovirus)-
नोरोवायरस को हम विंटर वौमीटिंग बाग (Winter vomiting bug) के नाम से भी जानते हैं, यह वायरस लोगों को तेजी से संक्रमित करता है और लोगों के बीच फैलता
भी तेजी से है। यह वायरस हमें संक्रमित कर उल्टी और दस्त जैसे लक्षणों से प्रभावित करता है। क्योंकि यह वायरस हमारे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (GIT) को संक्रमित करता है और उल्टी, दस्त के लिए उत्तरदायी है इसलिए इसे हम स्टमक बग (Stomach bug) या स्टमक फ्लू (Stomach flu) के नाम से भी जानते हैं। इसके अलावा व्यक्तियों के संक्रमित होने से इसे नोरवाल्क (Norwalk virus) के नाम से भी जाना जाता है।
नोरोवायरस के प्रसार के कारण (Reason of spreading norovirus)-
कई अन्य वायरस जैसे रोटावायरस (Rota virus) एडीनोवायरस (Adenovirus), और एस्ट्रोवायरस (Astrovayras) जैसे वायरस भी हमारे
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (GIT) को ही प्रभावित करते हैं। नोरोवायरस एक संचारी रोग (Communicable diseaes) है जो कई कारणों से फैल सकता है-
1. यह दूषित खाद्य पदार्थ और पानी से हो सकता है।
2.किसी पहले से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से , या बिना हाथ धोये भोजन करने से हो सकता है।
3.किसी संक्रमित सतह को चुने या संक्रमित जगह का उपयोग करने से हो सकता है।
4.इसके अलावा यह संक्रमित व्यक्ति के अपशिष्ट पदार्थ जैसे मल-मूत्र से भी फैल सकता है।
क्योंकि इसके फैलने का सबसे महत्वपूर्ण रास्ता मुँह एवं अपशिष्ट पदार्थ या फिसेस (Feces) होता है, इसलिए सावधानी बरतनी जरूरी है।
लक्षण (Symptoms)-
नोरोवायरस से संक्रमित व्यक्ति में सबसे आम लक्षण उल्टी और दस्त (बिना खून जाए) है, इसके अलावा इसके कुछ अन्य लक्षण भी हैं- जैसे जी मिचलाना, पेट दर्द, पूरे शरीर में दर्द बने रहना, ठंड लगना और हेडेक। कई बार किसी व्यक्ति के शरीर में पानी की कमी भी इसका एक कारण हो सकता है।
नोरोवायरस के लक्षण वायरस के संपर्क में आने के लगभग 12 से 24 घंटे के भीतर या 1 से 2 दिन के भीतर दिखाई पड़ते हैं। कई शोधों के अनुसार यह भी पता चला है की नोरोवायरस से संक्रमित व्यक्ति में कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते लेकिन यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने लगता है।
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बचाव के उपाय (preventive measures)-
जैसा की हमने इसके फैलने के सभी कारकों का अध्ययन कर लिया है, तो हमे इसे बचने के लिए कुछ उपाय है-
1. दूषित भोजन या पानी का सेवन कभी ना करें।
2.घर को फिनायल या डेटोल (Dettol) या किसी भी अन्य डिसइनफेकटेंट (Disinfectant) से साफ करने, किसी भी प्रकार की गंदगी को आसपास ना पनपने
दें। घर की चीजों एवं सतहों दोनों को साफ रखें।
3.खाने की कोई भी चीज खुली न छोड़ें।
4.दस्त होने पर हाथ बार-बार धोएँ।
5.भरपूर मात्रा में फलों का सेवन करें और खाने में ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाए, बीमारियों से बचाए और संक्रमित होने
पर जल्दी स्वस्थ होने में सहायता करे।
6.बच्चों की भी साफ-सफाई का ध्यान रखें।
7.बाहर की चीजें खाने से थोड़ा परहेज करें और खाना भी हो तो साफ-सुथरी जगह का ही चुनाव करें।
8.पानी में ओआरएस (ORS) मिला कर उसका सेवन दस्त होने पर अवश्य करें, जितना संभव हो सके।
नोरोवायरस का पता लगाने के लिए हमारे मल का नमूना (Stool sample) लिया जाता है, और नोरोवायरस की उपस्थिति का पता लगाया जाता है और टेस्ट तभी किया जाता जब नोरोवायरस के लक्षण दिखें।क्योंकि अब तक नोरोवायरस की कोई भी वैक्सीन मौजूद नहीं है तो आपको इन सब उपायों को अपनाना होगा। अच्छा और संतुलित खान-पान किसी भी बीमारी से या किसी भी वायरस या बैक्टीरिया के संक्रमण से बचने के लिए बहुत ही आवश्यक है। दूसरा कभी भी शरीर में पानी की मात्रा कम ना होने दें क्योंकि पानी एक ऐसा द्रव्य (Drink) है जो हमारे शरीर से कई अपशिष्ट पदार्थों को बाहर करता है और हमें बहुत से रोगों से बचाता है।
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