अवसाद और चिंता को दूर करने के लिए योग तकनीक|Avsad aur chinta ko dur karne ke liye yog taknik

अवसाद और चिंता को दूर करने के लिए योग तकनीक (Yoga Techniques to Relieve Depression and Anxiety)

अवसाद आज के समय की एक सबसे बड़ी समस्या है। कोई भी व्यक्ति हो उसे किसी ना किसी बात की चिंता सताती ही रहती है। लोग आज कल अपने जीवन को खुल कर जीना भूल गए हैं। आज के समय में खुल के जीने का मतलब पार्टी, डांस, जिम या फिर घूमना नहीं है बल्कि खुल के जीने का मतलब है आपके पास उस चीज के लिए समय होना जो आपको मानसिक शांति  और शारीरिक सुख दोनों प्रदान करती हो। जैसे अगर कोई व्यक्ति प्रकृति प्रेमी है तो उसे प्रकृति को निहारने का समय हो , जैसे बहती नदी, झरते हुए झरने , फूलों की महक और चिड़ियो की चहक, यह एक प्रकृति प्रेमी व्यक्ति को मानसिक सुकून और शांति प्रदान करता है। आज हमारे दिमाक में केवल अवसाद , चिंता और सोच ने घर बना रखा है। कई बार हम चिंता की वजह से इतने परेशान हो जाते हैं की हमें लगता है की हमारे जीवन में कुछ बचा ही नहीं, क्यूँ हम यह जीवन जी रहे हैं। कभी- कभी मन में यह भी आता है की सब कुछ खत्म हो चुका है , और हमारे पास जीवन को खत्म करना ही एक मात्र उपाय नजर आता है, जो की हमारी सबसे बड़ी भूल है और यह सोचना भी बहुत गलती है। जीवन हमें हमारे भगवान ने, हमारे माता-पिता ने दिया है और इस पर जितना हमारा हक है, उससे कही ज्यादा उनका हक है इसलिए कोई भी फैसला लेने से पहले हमारे माता-पिता की सलाह अति-आवश्यक है , क्योकि हम उनके लिए अनमोल हैं और हमारा जीवन भी। इसलिए इतने मजबूत बनिए की बड़ी से बड़ी समस्या आपको चिंताओं और अवसाद से घिरने ना दे, और आप इनसे कहें की मैं मजबूत हूँ, अब तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते, यह जीवन अनमोल है और मुझे इसे खुल के पूरे जोश, आनंद और उमंग के साथ जीना है।

अवसाद क्या है (What is depression)-

अवसाद की रटी हुई, पढ़ी हुई परिभाषा तो सबको पता ही है, लेकिन मेरे हिसाब से अवसाद या चिंता एक ऐसी अवस्था है जिसमें आप अपने शांत, संतुलित, स्वस्थ और एकाग्र मन से किसी चीज को सही तरीके से सोचने समझने की शक्ति को खो देते हैं, और जो चीजें आपके स्वास्थ्य के लिए सही नहीं होती उसे लेकर उसे सोचना और उसका अनुसरण करना शुरू कर देते हैं, चाहे फिर वो चीज भले आपको गलत दिशा का ज्ञान ही क्यूँ ना कराये, क्योंकि आपने तो अपनी सोचने की सही क्षमता को खो दिया है। आप या तो बहुत ही ज्यादा भावुक होकर फैसला लेने लगते हैं, या गुस्से में, हर छोटी -छोटी बात पर चिड़चिड़ाने लगते , या लोगों को धमकी देते हैं, क्योकि हमें तो अवसाद ने घेर रखा है तो हमारी सोचने-समझने की शक्ति ही खत्म हो चुकी है, और यही सब लक्षण हमें अवसाद ग्रस्त करने लगता है। ज्यादा भावुक होना, चिड़चिड़ाना, बिना कारण के गुस्सा या हंसी, लोगों को देख के जलना, ईर्ष्या करना, लड़ाई करना यह सब भी मुझे ज्यादा मात्रा में अवसाद के लक्षण ही लगते हैं।

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अवसाद को दूर करने के लिए कुछ योग तकनीक (Some yoga techniques to overcome depression) –

जीवन में शारीरिक गतिविधियाँ बहुत ही आवश्यक हैं, व्यायाम, योग या फिर सुबह-सुबह की सैर करना एक सुकून भरे जीवन के लिए अतिआवश्यक है। अशांत चित्त, भय, डर, बीमारी से मुक्ति सबके लिए योग एक बहुत ही अच्छा उपाय है। हर दिन नियमित रूप योग और व्यायाम करना बहुत ही आवश्यक है। आज हम बात करेंगे कुछ ऐसे ही योग अभ्यासों की जो हमें मानसिक तनाव, अशांति और चिंता से हमेशा
मुक्त रखते हैं।

1.सेतुबंध सर्वांगासन –

यह आसान हमारे लिए बहुत ही लाभदायक है। यह हमारे फेफड़ों को , हमारे थाइरोइड ग्रंथि को अच्छी तरह से काम करने के लिए उत्प्रेरित करता है। यह हमारे पाचन को मजबूत करता है। यह हमें अवसाद , चिंता और अशांति से दूर रखता है। यह हमारे केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र शांति और सुकून प्रदान करने में सहायक है। यह हमारे रीढ़ की हड्डी, गले, फेफड़ों , और कूल्हों को मजबूत बनाता है। और साथ ही नींद ना आने वाली
समस्या में भी प्रभावी है।

2.अर्ध चक्रासन –

यह आसान शरीर में जाँघ और पेट की चर्बी को कम करता और वजन कम करने में सहायक है। यह हमारे फेफड़ो की क्षमता बढ़ाता है। यह रक्त में शुगर की मात्रा को भी नियंत्रित करता है, यह हमारी कमर को, पेट को और अतड़ियों को मजबूत बनाता है। यह फेफड़ों के रोगों से हमें बचाता है। यह हमारे अग्नासय को उत्प्रेरित करने का काम करता है। यह हमारे शरीर की सभी मांसपेशियों में खिंचाव लाकर हमें चिंताओं से मुक्त
रखता है और अवसाद से भी मुक्त रखता है।

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3.बालासना –

यह आसान मानसिक शांति के लिए सबसे ज्यादा प्रभावी है। यह हमें शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक तीनों रूप से स्वस्थ रखता है। यह उन सभी मांसपेशियों को उत्प्रेरित करते है जो की जो हमारे पीठ या गले में या पीछे दर्द उत्पन्न करते हैं। यह आसन हमारे दिमाक को और हमारे शरीर को भी शिथिल बनाए रखता है। हमें तनाव और चिंता से मुक्त होने में हमारी सहायता करता है। साथ ही यह आसन हमारे स्वशन तंत्र को मजबूत करता है, हमारी रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है और पाचन को भी मजबूत बनाता है।

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4.उत्तासन –

यह आसान शरीर में माँसपेशियों की जकड़न को दूर करने में बहुत ही ज्यादा प्रभावी है। यह हमारे कूल्हों की माँसपेशियों का लचिलापन बचाता है। यह हमारे पाचन को सही करता है , साथ ही हमारे वृक्क (Kidney), यकृत (Liver) के कार्य को सुचारु रूप से चलाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह हमारी माँसपेशियों को शिथिल कर हमें शांति प्रदान करता है। यह हमें अवसाद एवं चिंतामुक्त रखता है।

5.हलासन  –

यह आसान हमारे शरीर में माँसपेशियों को शिथिल कर हमें मानसिक शांति प्रदान करता है, हमारे शरीर में लचिलापन लाता है। गले के पास, कूल्हे के पास, पेट क आसपास या फिर जांघों में जमी चर्बी को भी कम करने में काफी प्रभावी है, जिससे वजन कम करने में भी काफी सहायता मिलती है। रजोनृवित्ति से होने वाले सरदर्द से भी आराम पहुँचाता, नींद ना आने की समस्या को दूर करता है। सभी ग्रंथियों को सुचारु रूप से कार्य करने के लिए उत्प्रेरित करता है और अपच जैसी समस्या से भी मुक्ति दिलाता है।

6.शवासन –

यह आसान सबसे कम मेहनत वाला आसान है, केवल 10 से 20 मिनट में ही आप खुद को तरोताजा महसूस करने लगते हैं। यह आसान हमारे दिमाक को शांत करता है, चिंता को दूर करता है, रक्तचाप को संतुलित रखता है, साथ ही हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूती प्रदान करता है जिसकी वजह से हम बहुत सी बीमारियों से बचते हैं। यह नींद ना आने की बीमारी से भी निजात दिलाने में काफी प्रभावी है।

7.ऊर्ध्वामुख शवासन –

ऊर्ध्वामुख शवासन हमें कई रोगों जैसे पेट के रोगों, अस्थमा, मधुमेह से बचाता है। कब्ज, अपच को ठीक करता है और पाचन को भी सही करता है, क्योंकि थाइरोइड ग्रंथि हमारे शरीर के विकास के लिए, पाचन के लिए और अन्य कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए आवश्यक है जिसे यह आसान सुचारु रूप से कार्य करने की लिए उत्प्रेरित करता है। यह हमारे शरीर में बैक पैन को ठीक करता और शरीर में लचिलापन लाता है। यह आसान हमारे द्वारा श्वशन क्रिया और श्वसन दोनों को मजबूत बनाता है। यह आसान हमारे केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र को शांत करता है और हमें मानसिक शांति प्रदान करता है, अवसाद और चिंता से
मुक्ति प्रदान करता है।

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8.चक्रवाकासन –

यह आसान हमारे शरीर की अतिरिक्त चर्बी को हटाता है, पाचन को मजबूत बनाता है, शरीर में माँसपेशियों की जकड़न को दूर करता है। यह हमारे कंधे, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र और गले की माँसपेशियों को मजबूत बनाता है, और हमें तनाव से दूर रखता है और हमें शांति प्रदान करता है।

योग तकनीक (Yoga techniques) –

आज के समय में हमारे पास ऐसे संसाधन आ चुके हैं जिनसे हम अपनी योग प्रक्रिया को सुगम और सरल बना सकते है। आज की सदी में हमारे पास स्मार्ट टीवी और फोन, लैपटाप,  कम्प्युटर, टेबलेट इत्यादि हैं जो की हमें स्वस्थ रहने में काफी सहायता करते हैं , अगर हम इनका उपयोग सही चीजों में करें तो । पहले के समय में हमें अगर किसी योग का अभ्यास अगर करना होता था तो हमारे पास ना टीवी होती थी , ना मोबाइल था, ना ही लैपटाप या कम्प्युटर हुआ करता था। हमें किसी भी योग के अभ्यास को सही से करना चाहिए , इसलिए अभ्यास बहुत ही आवश्यक है । अब हम 21वीं सदी में हैं, हम अपनी नयी तकनीक से योग के नए -नए तरीके, योग कब करें, कैसे करें और उसके क्या फायदे हैं , यह सब बस एक ही उंगली का उपयोग करके पता लगाया जा सकता है। अगर हमारे पास कोई ऐसा गुरु नहीं के हमें बार-बार आकर सीखा सके तो हम इन सभी तकनीकों का उपयोग करके योग का अभ्यास करते सकते हैं। हम यू-ट्यूब पर, साइट्स पर , टीवी पर योग देखकर अभ्यास कर सकते हैं , लेकिन ध्यान रहे की अभ्यास करें लेकिन गलत नहीं या बिना परामर्श के नहीं, अन्यथा कई बार इन संसाधनों का उपयोग हमारे लिए गलत भी हो जाता है। इसलिए सावधानी जरूर बरतें।

 

योग आयुर्वेद की एक ऐसी देन है जिसका कोई मूल्य नहीं हो सकता है , क्योंकि बोला जाता है ना की योग से आयु बढ़ती है, वह इसलिए बोला जाता है क्योंकि योग करने से हमारा शरीर सुचारु रूप से कार्य करता है। शरीर के जो भी रोग-दोष होते हैं वो दूर होते हैं और हम बीमारियों से बचते हैं। और साथ ही इसके चलते आप तनाव से भी मुक्त रहते हैं, तो जब हम सभी प्रकार की बीमारियों से दूर रहेंगे और तनाव रहित रहेंगे तो स्वाभाविक रूप से हमारी आयु बढ़ेगी ही, इसलिए अपने शरीर को भी समय दें और नियमित रूप से योग करें और सुकून भरा एक जीवन जीए।

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