स्वस्थ शरीर-स्वस्थ बुद्धि का राज| Swasth Sharir-Swasth Buddhi Ka Raaj

स्वस्थ शरीर-स्वस्थ बुद्धि का राज (The secret of a healthy body – a healthy mind)

कहते हैं ना जैसा खाओगे अन्न, वैसा होगा मन। यह कहावत आज के हिसाब से बिलकुल चरितार्थ साबित हो रही है। आज व्यक्ति के खान-पान का असर उसके आचरण पर साफ दिखाई देता है। आज के समय में लोगों की गलत मानसिक प्रवित्ति, बहुत सी बीमारियाँ हमें साफ दिखाई दे रही हैं। पहले के लोग शालिन, व्यावहारिक, सहनशील और क्रोध से मुक्त हुआ करते थे। बीमारियाँ भी कम हुआ करती थी, लोग मेहनत करने से नहीं डरते थे, लोगों में भाई-चारा और एकता होती थी। आज व्यक्ति को छोटी-छोटी बातों में चिड़चिड़ापनहोने लगा, लोग छोटी सी बात पर अपना आपा खो देते हैं, हिंसक हो जाते हैं, आज के समय में युवा वर्ग में भी बीमारी ज्यादा हो गयी, सहनशीलता की कमी हो चुकी है, यह सब क्यूँ। इसका कारण हमारा आज का खान-पान और रहन- सहन है। कई शोधों में यह पाया गया है की अगर आप शारीरिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ हैं तो आप की बुद्धि भी स्वस्थ होगी। जैसे मान लीजिये हम अगर उदाहरण के तौर पर अगर एक ऐसे व्यक्ति की चर्चा करें की किसी व्यक्ति को कब्ज की समस्या है तो उसे आप कितना भी अच्छा माहोल दे दें, कितना भी उसे जोक सुना लें वह अच्छे से नहीं रह पाएगा, क्यों क्योंकि उसका शरीर स्वस्थ नहीं है, उसकी बुद्धि बार- बार उसे उसके पेट की याद दिलाएगी, क्योंकि वह संतुष्ट नहीं है, वह खुद को स्वस्थ महसूस नहीं कर रहा है। इसीलिए कहा जाता है की अगर आपका स्वास्थ्य सही नहीं तो आपका मन भी सही नहीं होगा , इसलिए स्वास्थ्य को सबसे बड़ी पूँजी कहा गया है।

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स्वस्थ शरीर और बुद्धि के फायदे (Benefits of healthy body and intelligence) –

हमें स्वस्थ शरीर की कमाना भगवान से हमेशा करनी चाहिए, क्योंकि एक स्वस्थ शरीर हमें एक स्वस्थ बुद्धि, स्वस्थ दिमाक प्रदान करता है। स्वस्थ शरीर हमारी खुशी की चाभी है। अगर आप स्वस्थ है,तो आपके सोचने-समझने की शक्ति सही होगी, आप बीमारी से दूर रहेंगे, कठिन से कठिन समय में सही निर्णय लेने की क्षमता आप में होगी, क्योंकि कोई भी निर्णय हम अपनी बुद्धि और विवेक से लेते हैं, तो हमारी मानसिक का स्वस्थ रहना बहुत ही आवश्यक है। हमारा स्वस्थ शरीर हमें आकस्मिक बीमारी और मृत्यु से बचाता है। अगर हम स्वस्थ रहेंगे तो हम बीमारियों से बचेंगे, हम हर काम में अपना शत प्रतिशत दे पाएंगे। एक स्वस्थ शरीर और एक स्वस्थ मन हमारी सफलता की कुंजी है।

स्वस्थ बुद्धि हमें दुनिया में रहन-सहन के तरीके, व्यवहार के तरीके, काम के तरीके और एक अच्छा जीवन जीने के तरीके सीखा सकती है। एक स्वस्थ बुद्धि आपको बिना शस्त्र उठाए दुनिया जीतने की ताकत प्रदान करती है। अगर हमारी बुद्धि स्वस्थ है तो हम हर काम अच्छे तरीके से कर सकते हैं। आज के समय में अगर हमें कोई दो बात बोल दे तो हम उसे पलट के जवाब या फिर सीधे हिंसा पर उतार आते हैं, लेकिन यहीं अगर आप एक स्वस्थ व्यक्ति हैं, शरीर और बुद्धि दोनों से तो आप यह दोनों गलत निर्णय ना लेते हुए शालीनतापूर्वक उस स्थिति से बचने की कोशिश करेंगे या फिर उसे वही समाप्त करने की कोसिस करेंगे, यह है एक स्वस्थ बुद्धि की शक्ति। स्वस्थ बुद्धि हमें भावनात्मक रूप से भी मजबूत बनाती है। एक स्वस्थ शरीर और बुद्धि आपको सामाजिक रूप से, आर्थिक रूप से मजबूत बनती है। एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने के लिए दोनों ही अति आवश्यक है।

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आज के समय में ना तो लोगों के पास एक स्वस्थ शरीर है ना ही एक स्वस्थ मन जिसकी वजह से कई बार किसी भी वर्ग का व्यक्ति हिंसक, चिड़चिड़ा, सही निर्णय लेने में असक्षम हो जाता है और यही निर्णय उसके लिए कई बार काफी घातक सिद्ध होता है, और यही आज हमारी बीमारियों, हमारे दुखों और एक अस्वस्थ जीवनशैली का कारण बना हुआ है। एक स्वस्थ शरीर हमारी बुद्धि के साथ-साथ हमारे होर्मोंस को भी संतुलित रखता है, हमारी नींद को सही रखता है, तनाव को दूर रखता है और अगर हम इन सबसे बच रहे हैं तो एक स्वस्थ बुद्धि की कुंजी भी हमारे पास होगी।

स्वस्थ शरीर और बुद्धि के लिए क्या करें (What to do for a healthy body and mind) –

पुराने जमाने में लोगों को खाना पचाने के लिए या फैट कम करने के लिए किसी जिम की आवश्यकता नहीं होती थी। लोगों का आहार संतुलित था जिसका एक कारण सीमित संसाधन और आर्थिक स्थिति हो सकती है। लेकिन पहले के लोग स्वस्थ होते थे शारीरिक और मानसिक तौर से। पहले के जमाने में लोगों के पास ना मोबाइल था ना लैपटाप, लेकिन आज हमारे पास 21वीं सदी में सब कुछ है फिर भी हम स्वस्थ नहीं है, इसका सबसे बड़ा कारण क्या है, हमारा खानपान, हमारी आदतें, हमारा रहन-सहन या हमारा आलस।

आज लोग संतुलित आहार को छोड़ जंकफूड, फास्टफूड को महत्व दे रहे हैं, जिसकी वजह से अनगिनत बीमारियों ने हमें घेर रखा है और अगर शरीर स्वस्थ नहीं है तो हम एक स्वस्थ बुद्धि और सही निर्णय क्षमता की उम्मीद कैसे कर सकते हैं। आज हम खाना खाने के बाद टहलने नहीं जाते, पहले के लोग खेतों में काम करते थे, आज हम पसीना बहाने से डरते हैं और शरीर को बचाकर रखते हैं, दो कदम भी अधिक चलना हमसे नहीं हो पाता, बिना गाड़ी तो हम कहीं जा ही नहीं सकते, लेकिन पहले के लोग पैदल या साइकल से जाना ही पसंद करते थे जिससे वह स्वस्थ रहते थे और बीमारियों से दूर होते हैं , साथ ही के अच्छी निर्णय क्षमता भी उनके पास होती थी। जंक फूड तो उस जमाने में कहीं चलन में ही नहीं था। पर आज हम क्या कर रहे न हमारा भोजन संतुलित है, ना हमें कोई शारीरिक गतिविधि करनी है, ना योगा ना व्यायाम हमें करना है, तो क्या हम इससे स्वस्थ होंगे नहीं बिल्कुल नहीं।

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एक स्वस्थ बुद्धि पाने के लिए हमें एक स्वस्थ शरीर बनाना होगा जो की सिर्फ संतुलित आहार, शारीरिक गतिविधियों, योगा और व्यायाम से ही संभव है। अगर एक ग्लास को उठाकर हमें रसोई तक भी ले जाना है तो हमें एक स्वस्थ शरीर और स्वस्थ बुद्धि की आवश्यकता होगी, ना की एक आलस भरा शरीर और निर्णय लेने में असक्षम बुद्धि की आवश्यकता होगी क्योंकि हम आलस में उस ग्लास को नहीं उठाएंगे और हमारी अस्वस्थ बुद्धि हमें उस ग्लास को उठाने की जरूरत भी महसूस नहीं कराती। इसलिए हमारा अन्न मतलब हमारा खान-पान ही हमारे मन को स्वस्थ रखती है। रोज सुबह नित्यक्रिया के बाद योगा या व्यायाम करें, आहार को संतुलित रखें, फास्टफूड और जंकफूड से बचें और मेहनत करने से पीछे ना हटें।

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एक स्वस्थ बुद्धि हमें जीवन जीने का सही तरीका बताती, सकारात्मक सोच प्रदान करती है, एक स्वस्थ बुद्धि हमें आगे बढ़ने, सफलता पाने और खुद को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में बहुत ही ज्यादा सहायक है, इसलिए हमें यह कोशिश करनी चाहिए की हमारा शरीर हमेशा स्वस्थ रहे जिससे हम एक स्वस्थ बुद्धि के राजा बन सकते हैं।

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