जंक फूड: भोजन जो हमें मार रहें हैं |Junk Food: The Foods That Are Killing Us

दोस्तों आज मैं आपसे एक ऐसे विषय पर चर्चा करने वाली हूँ जो हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण भाग है, जिसके चलते हमारा स्वास्थ्य बन भी सकता है और बिगड़ भी सकता है, जो हमारे शरीर में बीमारियों को पैदा करने के लिए जिम्मेदार होता है और हमें बीमारियों से दूर रखने के लिए भी। आप सोच रहे होंगे ऐसी क्या चीज है, तो वो चीज है हमारा भोजन जो हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण भाग है और हमारे लिए सभी आवश्यक तत्वों जो की हमारी वृद्धि (Growth) में अपनी भूमिका निभाते हैं उसका स्तोत्र है। लेकिन आधुनिक युग में भोजन को लेकर कुछ ठीक नहीं चल रहा, लोग जो मन आ आए खा रहे हैं, जब मन आए खा रहें हैं। समय का कोई मतलब नहीं है और क्या खा रहे हैं इससे भी मतलब नहीं जो हमें बीमारी की ओर रोज धकेलता जा रहा, बावजूद इसके हम अपने भोजन पर ध्यान नहीं दे रहें अब क्यूँ ही ना उसके चलते मोटापा आए, ब्लड प्रैशर की समस्या हो , पीसीओडी (PCOD) की समस्या हो या आवश्यक पोषक तत्वों के ना मिलने की वजह से त्वचा की समस्या हो या बाल झड़ने की। आज हम बात करेंगे जंकफूड (Junk food)की जो हमारे देश में लोगों का अपना प्रिय बनके धोखा दे रहा है, और उनके शरीर को रोज मार रहा है धीरे-धीरे से।

जंक फूड क्या है (What is junk food?) –

मेरे हिसाब से जंक फूड मैं ऐसे भोजन को कहूँगी जिससे आपको किसी भी प्रकार के पोषक तत्व ना मिलें, और जिसमें सबसे ज्यादा मात्रा कार्बोहाइड्रेट की हो, शर्करा की हो, तेल की हो या अन्य ऐसी चीजें तो स्वाद में बहुत ही अच्छी लगें लेकिन शरीर को उससे कोई लाभ न हो उसे मैं जंक फूड कहूँगी और यह हमेशा कम मात्रा या स्वल्पाहार के रूप में लिया जाता है लेकिन अब हम इसे पेट भरने का साधन बना चुके हैं। और तो और यह सब खाने के बाद हम घूमने या टहलने का भी कष्ट नहीं करते हैं जिसके चलते मोटापा और फिर उससे बीमारियाँ व्यक्ति को अपना शिकार बनाती हैं। जंकफूड में बर्गर, पिज्जा, चॉकलेट, मिठाई, मोमोस, चिप्स, फ्रेंच फ्राइस, डोनट्स, केक, मैदे से बनी चीजें जैसे पेटीज, समोसा इत्यादि।

जंक फूड के खाने से हमें कोई फायदा नहीं होता है, क्योंकि इसमें पोषक तत्व बहुत ही कम मात्रा में मौजूद होते हैं जो हमारे शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम कर देते और बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ा देते हैं, जिससे कई बीमारियाँ जैसे मधुमेह, ब्लड प्रैशर, हृदय रोगों की समस्या हो सकती है।

आम तौर पर खाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय जंकफूड और उनके प्रति आकर्षण (Most popular commonly consumed junk foods and cravings for them -)

आम तौर पर खाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय जंकफूड हैं पिज्जा, मोमोस, पेटीज, चिप्स, बर्गर, चाउमीन, मंचुरियन और समोसे इत्यादि। अब बात यह है की ऐसा क्या हुआ की पहले लोग इन चीजों के प्रति कम आकर्षित होते थे, लेकिन अब बहुत ज्यादा होते हैं, पहले लोग जंक फूड अगर कहते भी तो बहुत ही दुर्लभ। इसका एक कारण यह भी था के लोगों के घरों में परिवार बड़ा होता था, पैसे की तंगी होती थी, मोबाइल का जमाना नहीं था और सबसे बड़ी बात लोग सादे खाने को ज्यादा पसंद करते थे, और खाने के बाद सीधे सोने की जगह खेतों में काम करने जाया करते थे या फिर घर पर ही मेहनत वाला कोई काम कर लेते थे जिससे बीमारियाँ भी बहुत कम थीं। अब लोगों के सुविधायेँ बहुत हैं और पैसे भी और बच्चों की बचपन से हर जिद पूरी की जाती है की चिप्स मांगे तो चिप्स, चॉकलेट मांगे तो चॉकलेट, पहले के लोगों के पास पैसे कम होते थे, लेकिन हाँ कहते हैं ना जो लोग पढे नहीं होते वो घढ़े होते हैं तो उन्हे यह ज्ञान बहुत अच्छे से था के कब क्या और कितना खाना है और मेहनती थे, लेकिन वही अब 21वीं सदी के लोग पढे-लिखे तो हैं, लेकिन फिर भी चीजों को जानबूझ के खुद के हाथों से खराब करते हैं, खाना बनाने’ का मन नहीं किया बाहर जाके खा लिया, चटपटा खाने का मन किया बाहर जाके खा लिया, लेकिन पहले के लोगों को अगर कोई खुशी की बात हो तो घर पर ही अच्छे-अच्छे व्यंजन बना के खा लेते थे लेकिन अब के लोगों को तो हर छोटी-छोटी चीजों में बाहर का जंकफूड खाना होता है वह भी पेट भर, अब आप अल्पाहार को खाने की तरह खाएँगे तो क्या होगा , बीमारियाँ तो बढ़ेंगी ही।

इसे भी पढ़े  चिकनगुनिया की रिकवरी में प्रभावी कुछ बेस्ट हर्बल ड्रिंक्स | Some of the Best Herbal Drinks Effective in the Recovery of Chikungunya

अब एक बात और है की लोग टीवी, सोशल मीडिया और अन्य कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में हैं जिसमें जंकफूड, पैकेट बंद भोजन और ड्रिंक्स का विज्ञापन दिखाया जाता है जिससे की ग्राहक देख आकर्षित होता है और उसका उपयोग करते हैं लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दूँ तो विमला पान मसाले का विज्ञापन करने वाले उसे खाते हैं क्या नहीं तो फिर मूर्ख कौन हुआ वो जो उनकी बातों पर भरोसा करके उसका सेवन भी करने लगते हैं या वो जो इसे दिखा रहें हैं। इसलिए भोजन का चुनाव विज्ञापन देखकर नहीं उसका पोषण देख कर करें और जो चीजें आप आसानी से और साफ सफाई से और ज्यादा मात्रा और कम पैसे में बना के खा सकते हैं उसे ज्यादा पैसे देकर और बीमारी फ्री लेकर कभी न खाएं और गलत विज्ञापनों से खुद भी बचें और दूसरे को भी बचाएँ।

Important Links

Join Our Whatsapp Group Join Whatsapp

जंक फूड के सेवन के परिणाम (Consequences of eating junk food) –

जंक फूड के सेवन का असर सीधे हमारे शरीर पर पड़ता है , जंक फूड के लगातार सेवन से हमे बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है जिसमें कई परेशानियाँ हैं-

1.मोटापा (Obesity)-

जैसे की मैंने पहले ही कहा है की जंकफूड के ज्यादा सेवन से गुड कॉलेस्ट्रोल की कमी हो जाती और बैड कॉलेस्ट्रोल की मात्रा शरीर में बढ़ जाती है और शरीर में मोटापा आने लगता है। मोटापे से शरीर में नयीं बीमारियाँ तो आती ही हैं साथ ही यह पुरानी बीमारियों जैसे हृदय रोग, पेट की समस्या, मधुमेह और ब्लड प्रेशर को हमारे शरीर में बढ़ाने का काम करता हैं। और आज मोटापा हमारे देश में एक सबसे बड़ी समस्या बन चुका है लोग भोजन पर ध्यान नहीं देते और खा – खा कर मोटे होने के बाद चिंता में आ जाते हैं की अब इसे कम कैसे करें और यह समस्या कई बार इंसान को अवसाद का शिकार भी बना देता है।

2.पोषक तत्वों की भरपाई ना होना (non-replenishment of nutrients)-

अगर आप ज्यादा से ज्यादा समय जंक फूड का सेवन करने लगते हैं तो आपके शरीर को पोषक तत्व मिलने बंद हो जाते हैं, और शरीर में बीमारियाँ उत्पन्न होने लगती हैं जिसका कारण पोषक तत्वों की ना मिलने की वजह से प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर होना है।

इसे भी पढ़े  ग्रीन टी के फायदे एवं नुकसान|Green tea ke fayde evam nuksaan

3.होर्मोन असंतुलन (hormone imbalance) –

जंकफूड के ज्यादा सेवन से होर्मोंस असंतुलित हो सकते हैं जिससे थाइरोइड और पीसीओडी (PCOD)जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं जो की महिलाओं में बांझपन के लिए भी जिम्मेदार हो सकता है और साथ ही जंकफूड की वजह से बढ़ा मोटापा भी हॉर्मोनल इमबैलन्स (Hormonal Imbalance) और थाइरोइड के लिए जिम्मेदार हो सकता है।

4.मानसिक संतुलन पर प्रभाव (effect on mental balance) –

कहते हैं ना जैसा खाओगे अन्न वैसा होगा मन अब यह मैं इसलिए कह रही हूँ क्योंकि की जंक फूड हमारे न्यूरोट्रान्स्मीटर्स (Neurotransmitters) को भी प्रभावित करने की क्षमता रखता हैं और यह हमारे सोचने- समझने की शक्ति को भी प्रभावित कर सकता है, आपको चिड़चिड़ा बना सकता है और यह चिढ़चिड़ापन आपको ब्लड प्रैशर से भी प्रभावित कर सकता है।

जंकफूड का अधिकता में उपयोग का कारण (Reason for excessive use of junk food) –

अब बात यह की जंकफूड के अधिकता में उपयोग लोगों द्वारा क्यूँ किया जा रहा, तो उसका सबसे पहला कारण है हमारा आलसीपन और हमारी सुविधा:-

– मेरा मतलब है रेडी-टू- इट (Ready to eat) भोजन किसे पसंद नहीं आयेगा बस जोमैटो और स्वीगी (Zomato aur swiggy) में ऑर्डर दिया और खाना आपके घर के बाहर, बनाने और मेहनत करने से बचने का सबसे आसान तरीका,

-दूसरा कारण आज की भाग- दौड़ भरी जिंदगी भी है जिसमें अब लोग खेतों को छोड़ जॉब के पीछे भाग रहें हैं और जहां पर आपको समय से पहुँचना पड़ता है , जिसकी वजह ना कोई सही समय पर खाना बना पाता है और ना ही सही समय पर खाने के लिए समय जो की जंकफूड को एक झटपट और चलते फिरते विकल्प में बदल देता है।

– तीसरा कारण है समय की बचत अब आप पूछेंगे वो कैसे तो वो ऐसे 2 मिनट में नूडल्स बन जाते हैं, पैकेट बंद आलू के स्लाइस (Slice) दो मिनट में फ्रेंच फ्राइस में बदल जाता है, अब जब कम मेहनत लग रही तो कौन ही इतनी मेहनत करेगा और आज की दुनिया का तो सच ही यही है के अगर इंसान को बैठे बैठे पका हुआ खाना बिना मेहनत के मिल जाए तो वो बिल्कुल भी मेहनत नहीं करेगा और उसका नतीजा है मोटापा और बीमारी।

यह कुछ ऐसे कारण हैं जो हमारी आदतों को बिगाड़ रहे हैं जिसका असर हमारी दिनचर्या और स्वास्थ्य दोनों पर अपना प्रभाव डाल रहे हैं। इसके अलावा एक और महत्वपूर्ण कारण है हमारे घर की टीवी, हमारा मोबाइल और आसपास के ऐसे लोग जो इसका सेवन खुद भी करते हैं और दूसरों को देख ना करने वाला व्यक्ति भी इसका सेवन करता है कैसे तो ऐसे की अरे यह व्यकती इसे खा रहा तो मोटा नहीं हुआ तो हम भी नहीं होंगे, इसके लिए ठीक है तो हमारे लिए भी ठीक है, अब मई पूछूँगी क्या हम वाकई पढे लिखे हैं। हम विज्ञापनों को असली समझ कर साबुन से लेकर खाने का समान तक ले आते हैं, लेकिन जो व्यक्ति इसका विज्ञापन कर रहा क्या वह इसका उपयोग करते हैं,
तो इसका जवाब है बिल्कुल भी नहीं, अगर को सेलेब्रिटी साबुन का विज्ञापन कर रहे तो यह बिल्कुल मत सोचिए की वह इसका उपयोग भी करते हैं, बस यही चीज जुंकफूड के साथ भी है लोग विज्ञापन में दिखते हैं की यह हेल्थि (Healthy) है लेकिन ऐसा होता नहीं हैं।

हम भारतीय विदेशी लोगों को दोष देते हैं की उनकी वजह से हमरे देश में यह जंकफूड का चलन आय है, लेकिन मैं इसे पूरी तरह गलत मानती हूँ वह इसलिए क्योंकि ना उनके पास ताजी सब्जियाँ उगाने वाले हैं, ना कोई अनाज उगाने वाले किसान हैं जैसे हमरे देश में, इसलिए उनकी मजबूरी हैं।लेकिन हमारी कोई मजबूरी नहीं है हमारे पास अनाज भी है, किसान भी है, ताजी हरी सब्जियाँ भी हैं तो जब हमारे पास इतनी सारी सुविधा है तो मैदे के आटे को सड़ाकर बनाए बर्गर को खाने की क्या जरूरत है ।

इसे भी पढ़े  सुगंधित तेलों का भाप के साथ उपयोग |Sugandhit telon ka bhap ke sath upyog

शिक्षा का महत्व और झूठे विज्ञापनों से दूरी (Importance of education and distance from false advertisements)-

अच्छा कभी आपने इस ओर ध्यान दिया है की जो मजदूर होते हैं वह कभी जल्दी मोटापे का शिकार क्यूँ नहीं होते और उनका शरीर स्लिम-फिट होता है, चलिये एक वजह अगर मै यह मान भी लूँ की उनकी आमदनी कम होती है, वह जंकफूड ज्यादा नहीं खा सकते हैं लेकिन वह खाना तो खाते हैं और खाना हम भी खाते हैं, बस एफ़आरके इतना है की हम खाने को अब नाश्ते की तरह खाते हैं और जंक फूड को खाने की तरह और खाना भी खाएँगे तो हमारी जीभ को मसाला ही चाहिए होता है, बस यही फर्क है हम में और उन मजदूरों में , उनका खाना सादा होता है और आसानी से पचने वाला होता है जिससे उनके शरीर में चर्बी नहीं बढ़ती और मेहनत की वजह से उनका खाना
सही समय पर पाच जाता है, लेकिन क्या हम इसका करते हैं इसका जवाब कुछ लोगों को छोड़कर ना ही होगा।

अब बात अति है की क्या हमारी पढ़ाई या हमारी शिक्षा हमारे मोटापे के लिए भी जिम्मेदार हो सकती है, हमारी बीमारियों के लिए जिम्मेदार हो सकती है तो हाँ इसका जवाब हैं बिल्कुल हाँ। हम पढे लिखे लोग विज्ञापनों को देख उन पर भरोसा कर उसी के हिसाब से चलते हैं और यह जानते हुए भी पैकेट बंद खाने या जंक फूड हमारी सेहत के लिए काफी हानिकारक है , हमारे मोटापे और बीमारियों के लिए जिम्मेदार है फिर भी हम इनका उपयोग किए जा रहे हैं और तो और अपने बच्चों को भी टीवी की लत लगा कर उस पर आने वाले विज्ञापनों को देख जिद करने पर अपने कर्तव्य से बचने के लिए या प्यार में तुरंत बच्चे को दिला देते हैं, और बच्चा उसका आदि होने लगा है और यह बात
सभी वर्गों पर लागू होती है। अब आप ही सोचिए क्या हम अपनी शिक्षा का उपयोग अपने स्वास्थ्य के लिए कर रहे हैं। सोचिएगा जरूर के मजदूर जो कम पढ़ा लिखा होता है वह भी समझदार है की उसे क्या खाना है जिससे वह आराम से काम कर सके और अपने आप को बीमारी से भी बचा सके लेकिन हम क्या कर रहे हैं, एक विचारणीय विषय है की हम मेहनत से बचने के लिए अपनी शिक्षा का सही उपयोग भूलते जा रहे या यूं कहें इसे दर किनार कर रहे हैं।

दोस्तों कभी-कभार कोई जंकफूड खा लेना गलत नहीं है, लेकिन इसे आदत में ले आना आपको बहुत बड़ी मुसीबत में डाल सकता है, क्योंकि एक तो आज के समय में नयी-नयी बीमारियाँ और उस पर से हमने अब पोषक तत्वों से भरी चीजों का सेवन करना लगभग कम कर दिया है जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती जा रही है लोगों में, अब आप ही बताइये की शरीर को जब आवश्यक चीजों को छोड़ सब चीज दिया जाए तो वह आपको स्वस्थ्य रख पाएगा या बीमार देगा। हमारे खान-पान की वजह से कई बार हमारा पाचन भी खराब हो जाता है और हम ऑटोइम्यून डिसऑर्डर (Autoimmune disorder) भी हो जाता है जो हमारे लिए काफी घातक बीमारी पैदा कर सकते हैं। अब आगे आप खुद समझदार हैं, जीवन में खान-पान सही रखना बहुत ही आवश्यक है, इसलिए अच्छा खाइये, झटपट पचाइए और बीमारी भगाइए।

अन्य पढ़े – 

गर्मियों में चेहरे , शरीर और बालों का बचाव है काफी जरूरी

सिजोफ्रेनिया – एक खतरनाक मनोरोग

चेहरे पर झाइयाँ – क्या खूबसूरती पर दाग है?

Leave a Comment

Important Links

Join Our Whatsapp Group Join Whatsapp