हर्बल कॉस्मेटिक्स एवं उनमें उपयोग होने वाले कुछ हर्ब्स | Herbal Cosmetics Unmein Upyog Hone Wale Kuch Herbs

हर्बल कॉस्मेटिक्स एवं उनमें उपयोग होने वाले कुछ हर्ब्स  | Herbal Cosmetics And Some Of The Herbs Used In Thems  –

वर्तमान युग में सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग काफी प्रचलन में हैं, तरह -तरह के प्रोडक्टस का उपयोग सुंदरता को निखारने में किया जा रहा है, चाहे अब वह हमारे बालों को सुंदर बनाने के लिए हो या हमारे चेहरे को। ऐसा नहीं की प्राचीन समय में महिलाएँ सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग नहीं करती थीं, तब भी इनका उपयोग किया जाता था, परंतु फर्क बस इतना था की प्राचीन समय में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों (herbs) एवं उनके रासायनिक घटकों का उपयोग सुंदरता बढ़ाने के लिए किया जाता था जो की शरीर को किसी प्रकार की हानि पहुंचाए बिना ही सुंदरता निखारने का कम करते थे, लेकिन आज के वर्तमान युग में बाजार में केमिकल्स से बने इतने सारे उत्पाद आ गए हैं, जिनका उपयोग करके हम कुछ समय के लिए सुंदर तो दिख सकते हैं, पर इनके निरंतर उपयोग से कई बीमारियों को भी निमंत्रण दे बैठते हैं और साथ ही भगवान की दी हुई प्राकृतिक सुंदरता के साथ खिलवाड़ करते हैं। जाहीर है सुंदर दिखना किसे अच्छा नहीं लगता लेकिन क्या हम कंपनियों द्वारा केमिकल्स से बनाए गए उत्पादों की जगह दादी-नानी के सूत्रों का उपयोग कर अपनी खूबसूरती नहीं बढ़ा सकते, फिर चाहे घर पर बने हुए काजल हों या घर पर प्राकृतिक चीजों से बना फेस पैक। इतिहास गवाह है की हमारे देश की महारानियाँ वीर होने के साथ -साथ सुंदरता की मिसाल भी होती थीं, उनकी सुंदरता को निखारने के लिए आज की तरह केमिकल्स युक्त ब्युटी प्रोडक्टस उपलब्ध नहीं थे, फिर भी हमारी महारानियाँ काफी सुंदर हुआ करती थीं, क्योंकि उनकी सुंदरता निखारने के लिए प्राकृतिक जड़ी-बूटियों (herbs)एवं उनके रासायनिक घटकों का उपयोग किया जाता था जिससे उनकी खूबसूरती हमेशा प्राकृतिक बनी रहती थी। ऐसे बहुत से Herbal Plants हैं जिनका उपयोग हर्बल कॉस्मेटिक्स में किया जाता है, जो की हमें किसी प्रकार की हानि पहुंचाए बिना ही हमारी खूबसूरती को बरकरार रखने का कार्य करती हैं, आज ऐसे ही कुछ Herbs का उपयोग हम देखेंगे जिनका उपयोग हर्बल कॉस्मेटिक्स में किया जाता है।

1.हल्दी
2.गुलाब
3.घृतकुमारी
4.गुड़हल
5.तुलसी
6.नीम
7.नींबू
8.केसर
9.चंदन की लकड़ी
10.आँवला

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बहुत से ऐसे हर्बल प्लांट्स हैं जो कॉस्मेटिक्स में तो उपयोग होते ही हैं, साथ में औषधीय गुण से परिपूर्ण भी होते हैं, जो बीमारियों के उपचार में भी उपयोग होते हैं।

1.हल्दी (Curcuma longa) –

हल्दी का उपयोग प्राचीन समय से होता आ रहा है, यह हमारे घर में मसालों में तो उपयोग होता ही है, साथ ही हमारे शरीर के लिए भी बेहद उपयोगी है। यह चेहरे पर फेस पैक के रूप में उपयोग किया जाता है और बॉडी लोशन, क्रीम जैसे हर्बल कॉस्मेटिक्स का एक महत्वपूर्ण भाग है। हल्दी में एंटि-वाइरल, एंटि- बैक्टीरियल और एंटि- इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं साथ ही एंटि-ऑक्सीडेंट्स भी मौजूद होता है, जिसके चलते यह त्वचा में चमक बनाए रखता है, दाग-धब्बों के निशान दूर करता है, घाव को भरने एवं शांति (Demulcent) देने का काम करता है। त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने का कार्य करता है। हल्दी में मौजूद एंटि-ऑक्सीडेंट्स हमें हानिकारक यू-वी किरणों से बचाती है। रंजकता (Pigmentation),दाद, खुजली और मुंहासों बचाती है, साथ ही कई अध्यनों से यह भी पता चला है कि हल्दी शरीर में उपस्थित अनचाहे बालों कि वृद्धि को कम करने में सहायक है। क्योंकि हल्दी में एंटि-वाइरल, एंटि- बैक्टीरियल और एंटि- इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं इसलिए यह हमें बीमारियों से दूर रखने में भी सहायक है और इसे हम colouring agent के तौर पर भी उपयोग में लाते हैं।

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2. गुलाब (Rosa hybrida) –

जैसा कि प्रायः हम सभी गुलाबजल का उपयोग अकेले या लगभग सभी प्रकार के फेस पैक में करते हैं, साथ ही गुलाब कि पंखुड़ियों से निकाले गए रस ( Extract) एवं तेल भी विभिन्न प्रकार के हर्बल कॉस्मेटिक्स जैसे क्रीम, पाउडर, लोशन्स में उपयोग होते है। यह हर्बल प्लांट्स द्वारा बने हुए कॉस्मेटिक्स में खुशबू के लिए उपयोग होता है, जो कि हमारे लिए हानिकारक नहीं है। गुलाब की पंखुड़ियों में कई तरह के मिनेरल्स पाये जाते हैं, साथ ही यह विटामिन A, विटामिन C और एंटि-ऑक्सीडेंट्स का स्तोत्र है, जिसकी वजह से यह त्वचा को नम ( Moist) रखता है, उम्र बढ़ने (aging)की प्रक्रिया को धीमा कर देता है, हानिकारक किरणों से दूर रखता ही, चेहरे की चमक बढ़ाता है और यह एक अच्छा क्लिंज़र भी है त्वचा के लिए। यह मुंहासों , दाग-धब्बों, रेडनेस से राहत प्रदान करता है। गुलाब की पत्तियों को सुखाकर इसके पाउडर का उपयोग फेस पैक में करते हैं।

3. घृतकुमारी (Aloe) –

यह हर्बल कॉस्मेटिक्स में सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाला प्लांट है, इसमें भी एंटि-वाइरल, एंटि- बैक्टीरियल और एंटि- इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, साथ ही एंटि-ऑक्सीडेंट्स भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, इसे हम एलोवीरा के नाम से भी जानते हैं, यह जलने, सनबर्न, छोटे-मोटे Cuts,रूखी त्वचा , दाद, खुजली और मुंहासों में उपयोगी है। दाग -धब्बों को दूर करता है, त्वचा को नम (Moist) बनाए रखता है। बालों को चमकदार बनाता है और गिरने से भी रोकता है। इसमें प्रोटीओलाइटिक एंजाइम (Proteolytic enzyme) होता है जो त्वचा से मृत कोशिकाओं को हटाने का कार्य करता है। छोटे-मोटे घाव को ठीक करने और रूखी त्वचा के लिए उपयोगी है। क्रीम, लोशन, फेस पैक, मॉइस्चराइजर और शैम्पू में इसका उपयोग करते हैं।

4. गुड़हल (Hibiscus rosa sinensis) –

यह बालों को कलर करने, बालों को झड़ने और असमय सफेद होने से रोकता है और बालों को बढ़ाने में भी उपयोगी है। प्रायः फेस पैक में इसका उपयोग किया जाता है, यह मुंहासों को रोकता है,त्वचा में चमक लाता है और रोमछिद्रों को साफ करता है। फ्री रेडिकल्स (Free radicals) से त्वचा का बचाव करता है। इसमें भी एंटि-ऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं जो त्वचा की समस्याओं से निजात दिलाता है। हाइपरपिगमेंटेसन और ब्लैकहेड्स को कम करता है। बालों के लिए इसका उपयोग हीना के साथ मिश्रण में किया जाता है, जो रूसी को दूर करने मे कारगर है। लोशन, फेस पैक, शैम्पू में प्रायः इसका उपयोग किया जाता है।

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5.तुलसी पत्ती (Ocimum sanctum) –

तुलसी में भी एंटि-वाइरल, एंटि- बैक्टीरियल और एंटि- इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, यह भी त्वचा में होने वाले विभिन्न प्रकार की समस्याओं के उपचार में उपयोगी है। यह झाइयों, ब्लैकहेड्स और मुंहासों को रोकने में सहायक है साथ ही त्वचा के संक्रमण में आराम प्रदान करता है। इसे हम प्रायः फेस पैक, फेस वॉश, क्रीम में उपयोग करते हैं। इसमें प्रचुर मात्रा में एंटि-ऑक्सीडेंट्स, विटामिन C और K मौजूद होता है। यह शरीर में रक्त परिसंचरण (Blood circulation) को बढ़ाता और बालों की वृद्धि को प्रेरित करता है। यह दाद, खाज-खुजली को दूर करने में भी कारगर है। यह हमें यू-वी किरणों से भी से बचाता है और इसमें Anti-aging गुण भी मौजूद होता है। यह बालों में रूसी और उसकी वजह से होने वाली खुजली को दूर करता है और बालों को झड़ने से रोकता है। यह एंटि-सेप्टिक भी है, जो त्वचा में सूक्षमजीवों की वृद्धि को रोकता है।

6. नीम (Azadirachta indica) –

अगर आप मुंहासों से परेशान हैं, तो नीम की पत्तियाँ एवं इसकी छाल काफी कारगर साबित हो सकती है। नीम में भी एंटि-वाइरल, एंटि- बैक्टीरियल और एंटि- इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं जो की मुंहासों की वृद्धि को रोकते हैं और इसका एंटि- इंफ्लेमेटरी गुण मुंहासों के दर्द में भी राहत पहुँचाता है। यह त्वचा को चिकना एवं चमकदार बनाता है, मेलानिन (Melanin) के स्त्राव को नियंत्रित रखता है। यह शरीर पर फोड़े-फुंसी, घाव के उपचार में भी बहुत प्रभावी है। इसकी छाल भी मुंहासों की वृद्धि रोकने में कारगर है। इसमें भी एंटि-ऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं जो फ्री रैडिकल रे (Free radical rays) से त्वचा का बचाव करते हैं साथ ही मुंहासों के दाग- धब्बों के निशान को साफ करने में बहुत प्रभावी है। इसका उपयोग भी हम प्रायः फेस पैक, फेस वॉश, क्रीम और लोशन में करते हैं।

7.नींबू (Citrus lemon) –

नींबू में भी भरपूर मात्रा में एंटि-ऑक्सीडेंट्स पाया जाता है, और साथ ही विटामिन C का सबसे अच्छा स्त्रोत्र है। यह चेहरे के रोमछिद्रों की सफाई करता है। गुलाबजल, ग्लिसरीन के साथ सही मात्रा में इसका मिश्रण मुंहासों को दूर करने में किया जाता है और यह बहुत ही प्रभावी है, साथ ही दाग धब्बों को प्रभावी रूप से दूर करता है। यह मिश्रण त्वचा को चमकदार बनाता है, उसे नम (moist) रखता है और प्रदूषण की वजह से होने वाले Dirt को साफ करता है। अगर बालों में रूसी की समस्या है तो इसके रस का उपयोग काफी प्रभावी होता है। साथ यह कई उत्पादों में फ्लेवर के लिए उपयोगी है , इसे भी हम फेस वॉश, क्रीम, शैम्पू और लोशन जैसे कॉस्मेटिक्स में उपयोग करते हैं और यह उम्र बढ़ने (aging)की प्रक्रिया को धीमा करता है, त्वचा की क्षति को रोकता है।

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8.केसर (Crocus sativus) –

इसे हम saffron के नाम से भी जानते है, यह विटामिन और एंटि-ऑक्सीडेंट्स से परिपूर्ण होता है। इसमे एंटि-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होता है जो की त्वचा को शांति (Demulcent)प्रदान करने में उपयोगी है साथ ही यह एंटि-फंगल भी है जो की मुंहासों के उपचार में उपयोगी है। यह चेहरे की चमक को बढ़ाता है और निखारता है। इसका उपयोग Flavouring agent, Perfumes में किया जाता है और यह colouring agent है जिसके चलते इसका डाई में भी उपयोग होता है।

9.चंदन की लकड़ी (Santalum album) –

इसमें एंटि-सेप्टिक गुण मौजूद होता है जिसकी वजह से यह कई प्रकार की त्वचा की समस्याओं जैसे एक्जिमा, सोरायसिस और डर्मेटाइटिस के उपचार में उपयोगी है। सनबर्न और रूखी त्वचा को शांत (Demulcent) करने में उपयोगी है। इसे कॉस्मेटिक्स में Perfume के लिए, पाउडर में, लोशन और क्रीम में उपयोग में लाया जाता है। नींबू के रस के साथ यह ब्लीच की तरह कम करता है और सन टैन को दूर करने के लिए उपयोगी है।

10.आँवला (Ambellica Officinale) –

आँवले में भरपूर मात्रा में विटामिन C पाया जाता है, साथ ही विटामिन Aऔर E भी पाया जाता है जो हमारी त्वचा को पोषण देने का कम करता है। साथ ही इसमें भी एंटि-ऑक्सीडेंट्स भी भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं जो फ्री रेडिकल्स से त्वचा की रक्षा करते हैं और यह त्वचा के साथ-साथ बालों के लिए भी बहुत उपयोगी है। यह त्वचा को चमकदार और मुलायम बनाए रखता है। असमय बालों को सफ़ेद होने से रोकता है और उन्हे घना,काला, चमकदार और मुलायम बनाता है। यह Aging की प्रक्रिया को धीमा करता है। यह शैम्पू, फेस पैक के रूप में उपयोग में लाया जाता है। यह मेलानिन के स्त्राव को भी संतुलित रखता है और बालों की भी वृद्धि में सहायक है।
Herbal कॉस्मेटिक्स में herbs का उपयोग किया जाता है जो की हमें किसी प्रकार की हानि नहीं पहुँचाते है और इनके Bioactive molecules हमारी त्वचा को पोषण प्रदान करते हैं, त्वचा के कई रोगों से हमें बचाते हैं और साथ ही हमारी बढ़ती उम्र की प्रक्रिया को धीमा करने में उपयोगी है। कई Herbs कॉस्मेटिक्स के साथ-साथ बीमारियों से उपचार में उपयोग में लाये जाते हैं।

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